Chapterwise muhavre class 10


NOTES
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PRACTICE QUESTIONS COUSE B hindi    



 पद्य-भाग


1. कबीर


आपा खोना (अहंकार नष्ट करना) - भक्ति और अहंकार साथ-साथ नहीं चल सकते। ईश्वर को पाने के लिए आपा खोना ही पड़ता है।


अँधियारा मिटना (अज्ञान समाप्त होना) - महात्मा जी के अमृत वचन सुनकर मेरे सामने छाया सब अँधियारा मिट गया।


मंत्र लगना (उपाय काम आना) - पिता ने विवेकानंद को सांसारिक मार्ग पर चलाने के सारे उपाय किए, किंतु कोई भी मंत्र न लग सका।


घर जलाना (स्वयं को होम करना) - देशभक्ति के मार्ग पर चलने वाले क्रांतिकारियों को पहले अपना घर जलाना पड़ता है।


2. मीरा

लाज रखना (सम्मान की रक्षा करना)- इस बार ओलंपिक में एक स्वर्ण जीतकर हमारे निशानेबाज़ ने भारत की लाज रख ली


गद्य-भाग


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1. बड़े भाई साहब (प्रेमचंद)


प्राण सूखना (डर लगना)-सामने शेर को दहाड़ता देखकर मेरे प्राण सूख गए। पहाड़ होना (बड़ी मुसीबत होना)-मंच पर खड़े होकर दो घंटे बोलना मेरे लिए पहाड़ था।


हँसी-खेल होना (छोटी-मोटी बात)- पूरे बोर्ड में प्रथम आना कोई हँसी-खेल नहीं है। आँख फोड़ना (बड़े ध्यान से पढ़ना) - मैं रात-भर पढ़-पढ़कर आँखें फोड़ता रहा और इधर परीक्षा स्थगित हो गई।


खून जलाना (कष्ट उठाना)-माता-पिता अपनी संतान को सुख-सुविधा देने के लिए दिन-रात खून जलाते हैं। पास फटकना (नजदीक जाना)- प्राचार्य महोदय का रौब इतना था कि कोई उनके पास तक नहीं फटक पाता था।


गाढ़ी कमाई (मेहनत की कमाई) कोई भी मनुष्य अपनी गाढ़ी कमाई को यूँ ही नहीं उड़ा सकता। लगती बात (चुभती हुई बात)- बड़े भाई साहब ऐसी-ऐसी लगती बातें कहते थे कि मन विचलित हो उठता था। जिगर के टुकड़े-टुकड़े होना (दिल पर भारी आघात लगना) - बम धमाकों में अपने पुत्र की मौत देखकर माँ का जिगर टुकड़े-टुकड़े हो गया।


हिम्मत टूटना (साहस सामप्त होना)- बच्चे की मृत्यु का समाचार सुनकर पिता की हिम्मत टूट गई।


जी तोड़ मेहनत करना (खूब परिश्रम करना) खेलों में प्रथम आने के लिए लड़के जी तोड़ मेहनत करते हैं। हाथ डालना (काम शुरू करना) वह बेचारा जिस भी काम में हाथ डालता है, उसी में घाटा होता है।


नक्शा बनाना (योजना बनाना)- मैंने रात-भर कल के कार्यक्रम के नक्शे बनाए। पर तुमने पल-भर में कार्यक्रम समाप्त कर दिया।


उड़ जाना (समाप्त होना)- भाई भोजन के सामान में से खीर कहाँ उड़ गई?


दबे पाँव आना (चोरी चोरी आना) आजकल सख्ती इतनी है कि सभी कर्मचारी दबे पाँव आते हैं।


प्राण निकलना (भयभीत होना) वार्षिक परीक्षा का नाम सुनकर नालायक छात्रों के प्राण निकल जाते हैं।


घुड़कियाँ खाना (डाँट-डपट सहना) भाई साहब! आप प्यार से समझाया करो। आपकी घुड़कियाँ खाना मेरे वश


में नहीं है।


आड़े हाथों लेना (खिंचाई करना, कठोरतापूर्ण व्यवहार करना) बम धमाकों में सरकार की ढिलाई देखकर मीडिया वालों ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया।


जले पर नमक छिड़कना (दुखी को और दुखी करना) मंत्री जी की मक्कारी भरी बातों ने धमाकों से सहमे लोगों के जले पर नमक छिड़क दिया।


खून जलाना (बहुत मेहनत करना) - माता-पिता अपना खून जलाकर पैसे कमाते हैं और बेटा उनसे गुलछर्रे


उड़ाता है।


तीर मारना (बड़ी सफलता पाना) - आस्ट्रेलिया को एक बार हराकर भारतीय क्रिकेट टीम ऐसे खुश थी मानो उसने कोई तीर मार लिया हो। हेकड़ी जताना (घमंड दिखाना) - स्वयं को ऊँचा समझने वाले लोग हेकड़ी जताने से बाज नहीं आते।


तलवार खींचना (लड़ाई के लिए तैयार रहना) वह स्वभाव से इतना उग्र है कि बात-बात पर तलवार खींच लेता है।


टूट पड़ना (तेज़ी से झपटना)- जैसे ही भोजन शुरू हुआ, पूरी बारात खाने पर टूट पड़ी। दिमाग होना (घमंड होना)-जब से उसने स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, उसे दिमाग हो गया है।


नामोनिशान मिटाना (सब कुछ नष्ट करना) भारत की सरकार को चाहिए कि वह आतंकवादियों का नामोनिशान


मिटा डाले पानी देने वाला (कठिन समय में साथ देने वाला) - जो लोग दुनिया के साथ बुरा व्यवहार करते हैं. अंत में उन्हें कोई चुल्लू भर पानी देने वाला भी नहीं मिलता। बेईमानी करते रहे तो नौकरी के


दीन-दुनिया से जाना (कहीं का न रहना) अगर तुम इस तरह दीन-दुनिया से अमेड होगा)- जब से उसकी जमीन बिकी है और घर में पैसा आया है, उसका सिर फिर गया है। भी जाओगे। जिये के हाथ बटेर लगना (अयोग्य को कोई महत्त्वपूर्ण वस्तु मिलना)-उस अनपढ़ को इंजीनियर पली क्या साथ-साथ


मिली, अंधे के हाथ बटेर लग गई। हाथ लगना (प्राप्त होना)-बड़ी मुश्किल से नौकरी हाथ लगी है, इसे सँभाल कर रखना।


अंधा-चोट निशाना पड़ना (अचानक ही कोई चीज़ मिलना)- क्विज़ में प्रथम आया देख उसे बुद्धिमान न मान


बैठना। बस कभी-कभी अंधा-चोट निशाना पड़ जाता है। दाँतों पसीना आना (बहुत अधिक परेशानी उठाना) - शादी-ब्याह में इतने अधिक काम थे कि उन्हें निपटाते-निपटाते दाँतों पसीना आ गया।


लोहे के चने चबाना (बहुत कठिनाई उठाना)- एवरेस्ट चोटी पर चढ़ाई करना लोहे के चने चबाना है। चक्कर खाना (भ्रम में पड़ना) उसकी ऊटपटांग बातें सुनकर मैं चक्कर खा गया।


बे-सिर-पैर की बातें (बेकार की ऊटपटांग बातें) उसकी बे-सिर-पैर की बातें सुनते-सुनते मेरा माथा भन्ना गया। राह लेना (पीछा छोड़ना, चले जाना) कोई काम हो तो रुको, वरना राह लो।


पन्ने रँगना (बेकार में लिखना) अच्छे विद्यार्थी थोड़ा किंतु ठीक लिखते हैं। वे व्यर्थ में पन्ने नहीं रंगते। पापड़ बेलना (कठिन काम करना) सफलता पानी है तो सब प्रकार के पापड़ बेलने को तैयार रहो।


आटे-दाल का भाव मालूम होना (कठिनाई का सामना करना) कभी नौकरी ढूँढ़ने निकलोगे तो तभी आटे-दाल का भाव मालूम होगा।


जमीन पर पाँव न रखना (बहुत खुश होना) जिस दिन मुझे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, उस दिन मैं पाँव जमीन पर नहीं रख पा रहा था।


गिरह बाँधना (अच्छी तरह मन में बिठाना) यह बात गिरह बाँध लो कि आतंकवाद को कुचले बिना देश में शांति नहीं हो सकती।


प्राण ले लेना (मार डालना)- अब तक आतंकवादी कितने बेकसूर लोगों के प्राण ले चुके हैं।


हाथ से न जाने देना (चूकना) यह सुनहरा मौका हाथ से न जाने देना।


शब्द चाटना (अच्छी तरह पढ़ना)- मुझे प्रथम आने का शौक इतना था कि मैं पुस्तक का एक-एक शब्द चाट जाता था।


मुठभेड़ होना (सामना होना, कलह होना)- यदि कभी मेरी उससे मुठभेड़ हुई तो मैं उसे नाकों चने चबवा दूँगा। हाथ-पाँव फूल जाना (परेशानी देखकर घबरा जाना)- गुंडों के हाथों में बंदूकें देखकर उसके हाथ-पाँव फूल गए। वैसे पैसे को मुहताज होना (बहुत गरीब और मजबूर होना)- अमिताभ बच्क का क जना देब गई तो वे पैसे पैसे


मुँह चुराना (शर्म के मारे बचना)-उधार लेने के बाद प्रायः उधार लेने वाला अपने ऋणदाता से मुँह चुराने लगता है। हाथों में लेना (काम का जिम्मा लेना)- जब से मैंने यह धंधा हाथों में लिया है. मेरी चाँदी हो गई है।


जहर लगना (बहुत बुरा लगना)- डाँट खाने वाले बच्चे को डाँट का एक-एक शब्द जहर लगता है। नत-मस्तक होना (सिर झुकाकर मानना) लेखक बड़े भाई की एक-एक तरकीब के सामने नत-मस्तक हो जाता था। जी ललचाना (मन में लालच आना) क्या करूँ, इतनी सारी मिठाइयाँ देखकर मेरा जी ललचा उठता है।


3. तताँरा-वामीरो कथा


सुध-बुध खोना (अपने वश में न रहना) तताँरा वामीरो की सुंदरता को देखकर सुध-बुध खो बैठा।


बाट जोहना (प्रतीक्षा करना) - भारतवासी ऐसी सरकार की बाट जोह रहे हैं जो आतंकवाद को कुचल कर रख दे।


आँखों में तैरना (मन में प्रकट होना) एकांत क्षणों में सारी बीती बातें आँखों में तैरने लगती हैं।


खुशी का ठिकाना न रहना (बहुत अधिक खुश होना)-20-20 क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीतने पर देशवासियों की खुशी का ठिकाना न रहा।


आग बबूला होना (बहुत क्रोध में आना) बच्चों की नारेबाजी सुनकर प्राचार्य महोदय आग बबूला हो गए। राह न सूझना (उपाय न मिलना) चारों ओर आग से घिर जाने पर मैं ऐसा घबराया कि मुझे कोई राह न सूझी। सुराग न मिलना (पता न मिलना) यह तो मोदी सरकार ही थी जिसने आतंकवादियों को कुछ ही दिनों में पकड़ लिया। वरना शेष सरकारों को तो बरसों तक आतंकवादियों के सुराग भी नहीं मिलते।


6. अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले दीवार खड़ी करना (बाधा उत्पन्न करना) तू मित्र है या शत्रु? जहाँ भी जाता हूँ, वहीं मेरे सामने दीवार खड़ी कर देता है।


डेरा डालना (स्थायी रूप से रहना)- ये अपराधी यूँ ही पकड़ में नहीं आते महीनों-महीनों इनकी राह में डेरा डाले बैठना पड़ता है।

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